चन्द्रयान उत्सव : चन्द्रमा की ओर और उससे आगे [1.6S]
 8800440559

Table of contents :
Cover Hindi_1_6S - Copy
Cover Hindi_1_6S
Towards moon and beyond_1_6S

Citation preview

कोड

1.6 एस

Cover Hindi_1_6S.indd 1-2

17-10-2023 8.25.57 PM

अक्तबू र 2023 अि न 1945 PD 1T RPS

© रा ट्रीय शैिक्षक अनुसध ं ान और प्रिशक्षण पिरषद् 2023

िवषय

चंद्रयान उ सव

1.0

1.1

एफ

हमारा चद्रं यान

1.2

पी

मेरा यारा चदं ा: रानी की खोज

1.3

एम

चद्रं मा पर भारत का अिभयान

1.4

एस

चद्रं यान: चद्रं मा की ओर यात्रा

1.5

एस

1.6

एस

भारत के चद्रं िमशन की खोज चद्रं मा की ओर और उससे आगे

1.7

एस

भारत का चद्रं िमशन: चद्रं यान-3 को जान

1.8

एचएस

चद्रं मा पर भारत

1.9

एचएस

भारत का अतं िरक्ष िमशन: चद्रं यान

1.10 एचएस

चद्रं यान-3 की भौितकी

अपना चद्रं यान से संबंिधत गितिविधय म भाग लेने के िलए: िविजट कर: www.bhartonthemoon.ncert.gov.in प्रकाशन प्रभाग म सिचव, रा ट्रीय शैिक्षक अनुसंधान और प्रिशक्षण पिरषद,् ी अरिवंद मागर्, नई िद ली 110 016 द्वारा प्रकािशत तथा गीता ऑफ़सेट िप्रंटसर् प्रा. िल., सी–90, एवं सी–86, एवं सी-86, ओखला इडं ि ट्रयल एिरया, फे ़ज़–I, नई िद ली 110 020 द्वारा मिु द्रत ।

Cover Hindi_1_6S.indd 3-4

अिधक जानकारी के िलए: ईमेल: [email protected] पीमईिवद्या आईवीआरएस: 8800440559

17-10-2023 8.26.02 PM

चंद्रमा की ओर और उससे आगे माध्यम‍िक स्तर

Towards moon and beyond_1_6S.indd 1

10/15/2023 4:43:45 PM

चद्रं यान उत्सव

चंद्रमा की ओर और उससे आगे हम सभी जानते हैं कि ब्रह्मांड में अरबों आकाशगंगाएँ और हमारे सौर मडं ल जैसी ग्रह प्रणालियाँ वि‍द्यमान हैं। हमारे सौर मडं ल का निर्माण लगभग 4.6 अरब वर्ष पहले एक विशाल अंतरतारकीय आण्विक बादल के गरुु त्वाकर्षण पतन के कारण हुआ था। समय बीतने के साथ बादल के अणओ ु ं से सर्यू और एक प्रोटो प्लेनेटरी डिस्क को आकार दिया गया जो धीरे -धीरे इसके साथ जड़ु गया और ग्रह एवं अन्य वस्तुएँ (उपग्रह, छोटे ग्रह, धमू के तु आदि) बनीं। जैसा कि आप जानते हैं, हमारा सौर मडं ल आकाशगंगा ‘मिल्‍की वे’ में स्थित है और इसमें सर्यू एवं बधु , शक्र ु , पृथ्वी, मगं ल, बृहस्पति, शनि, यरू े नस और नेपच्यून जैसे ग्रह, प्लूटो जैसे बहुत छोटे ग्रह, 200 से अधिक चद्रं मा, लाखों छोटे ग्रह, धमू के त,ु उल्कापिंड और गरुु त्वाकर्षण द्वारा उसके साथ बँधी सभी वस्‍तुएँ शामिल हैं। स्रोत: नासा (NASA)

हमारा अपना ग्रह— पथृ ्वी हमारी पृथ्वी एक भभू ागीय ग्रह है। यह सर्यू से लगभग 147.1–152.1 मिलियन किलोमीटर दरू है। यह आंतरिक ग्रहों में सबसे घना है और एकमात्र ग्रह है जहाँ जीव-जगत है, और िवभिन्न चीजें रहती हैं। पथृ ्‍वी : त्‍वरित तथ्य दिन

23.9 घटं े

वर्ष

365.25 दिन

त्रिज्या

3,959 मील / 6,371 किलोमीटर

ग्रह का प्रकार

स्थलीय

चद्रं मा

1

स्रोत: नासा (NASA)

2

Towards moon and beyond_1_6S.indd 2

10/15/2023 4:43:45 PM

चद्रं मा की ओर और उससे आगे

गतिविधि 1 सौरमडं ल, ग्रह और उपग्रह बनाने के ल‍िए एक अनक ु ृ त‍ि मॉडल तैयार करें । चद्रं मा को व‍िशेष रूप से उसके ग्रह पृथ्वी के साथ रखा गया है।

एक सौरमडं ल बनाएँ

सौरमडं ल के कें द्र में सरू ्य का पता लगाएँ

सरू ्य की परिक्रमा करने वाला दीर्घवत्ृ ताकार पथ बनाएँ

प्रत्येक अडं ाकार पथ पर ग्रहों का पता लगाएँ

प्रत्येक ग्रह पर उस उपग्रह का पता लगाएँ जो ग्रह की फिर से परिक्रमा करता है

हमारे ग्रह का चद्रं मा दिखाएँ

चंद्रमा चद्रं मा, जिसे चदं ा मामा के नाम से भी जाना जाता है, भारतीय ससं ्कृति और परंपरा में सघनता से समाह‍ित है। अनेक लोककथाएँ और लोकगीत मौखिक रूप से पीढ़ी-दर-पीढ़ी हस्तांतरित होते रहे हैं। पारंपरिक अनष्ु ठान चद्रं मा के चरणों के अनसु ार आयोजित किए जाते हैं। वैज्ञानिक दृष्टि से चद्रं मा पृथ्वी का एकमात्र प्राकृ तिक उपग्रह है। चद्रं मा ने सहस्राब्दियों से मनषु ्यों को आकर्षित किया है। ऐसी कई परिकल्पनाएँ और सिद्धांत हैं जिनसे चद्रं मा की उत्पत्ति की व्याख्या की गई है। सबसे अपेक्षित सिद्धांत के अनसु ार मगं ल के आकार का एक खगोलीय पिंड लगभग 4.5 अरब साल पहले पृथ्वी से टकराया था। पृथ्वी और इस खगोलीय पिंड की टक्‍कर से उत्‍पन्‍न मलबे से चद्रं मा का निर्माण हुआ। 3

Towards moon and beyond_1_6S.indd 3

10/15/2023 4:43:46 PM

चद्रं यान उत्सव

चंद्रमा : त्वरित तथ्य त्रिज्या परिक्रमा घर्णू न पृथ्वी से दरू ी जाने वाले मानवों की संख्‍या मनू वॉकर्स रोबोटिक विजि‍ट

1,079.6 मील / 1,737.5 किलोमीटर 27 पृथ्वी दिवस समकालिक घर्णू न 384,400 किलोमीटर/238,855 मील 24 12 100+

स्रोत: नासा (NASA)

चंद्रमा पथृ ्वी के लिए क्यों महत्वपूर्ण है? चद्रं मा हमारे रात्रि आकाश में सबसे चमकीला और सबसे बड़ा खगोलीय पिंड है। चद्रं मा से पृथ्वी को अनेक लाभ मिलते हैं। चद्रं मा अपनी धरु ी में पृथ्वी के उतार-चढ़ाव को नियंत्रित करता है, जिससे अपेक्षाकृ त स्थिर जलवायु बनती है। यह ज्वार भी बनाता है और पृथ्वी को सौर हवाओ ं से बचाता है। यह ब्रह्मांड के अध्ययन के लिए आदर्श है।

भारतीय अंतरिक्ष अनुसध ं ान सगं ठन (इसरो— ISRO) भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष अनसु धं ान समिति की स्थापना 1962 में डॉ. विक्रम साराभाई की कल्पना के अनसु ार पहले अंतरिक्ष अनसु धं ान मचं के रूप में की गई थी। इसरो की स्थापना अपने संचालन के सात वर्षों के बाद 15 अगस्त 1969 को की गई और विभिन्न राष्ट्रीय आवश्यकताओ ं के लिए अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी का उपयोग करने के लिए विस्तारित भमू िका के साथ भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष अनसु ंधान समिति को हटा दिया गया। 1972 में इसरो को भारत सरकार के अंतरिक्ष विभाग के अधीन लाया गया।

चंद्रमा की ओर यात्रा इसरो ने अपनी स्थापना के बाद से अंतरिक्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में आशातीत प्रगति की है। चद्रं सतह पारिस्थितिकी तंत्र को जानने के लिए चद्रं यान मिशन भारतीय अंतरिक्ष अनसु ंधान संगठन की सर्वोच्च उपलब्धि है। चद्रं यान शब्द संस्कृत भाषा से िलया गया है, िजसका अर्थ है ‘चद्रं वाहन’ (चद्रं का अर्थ है ‘चद्रं मा’ और यान का अर्थ है ‘शिल्प’ या वाहन)। अर्थात वह यान जो चद्रं मा की सतह तक पहुचँ ता है। चद्रं यान-1 भारत का पहला चद्रं मिशन है। यह मिशन गतिविधि 2 चद्रं मा की सतह पर पानी की मौजदू गी का पता लगाता तारामडं ल, विज्ञान कें द्र आदि के लिए एक क्षेत्र है। चद्रं यान-1 की सफलता के बाद चद्रं यान-2 लॉन्च भ्रमण का आयोजन करें । किया गया। मिशन ने चद्रं क्रे टर में एक बर्फ की चादर 4

Towards moon and beyond_1_6S.indd 4

10/15/2023 4:43:46 PM

चद्रं मा की ओर और उससे आगे

की खोज की। चद्रं यान-3 को दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग के वैज्ञानिक उद्देश्य और चद्रं सतह पारिस्थितिकी तंत्र की आगे की खोज के साथ प्रक्षेप‍ित किया गया था। चद्रं यान-3 मिशन की सफलता व‍िश्व में अंतरिक्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी में भारत की वास्तविक क्षमता को प्रदर्शित करती है।

चंद्रयान-1 की कहानी चद्रं यान-1 चद्रं मा पर पहला भारतीय मिशन है। इसे चद्रं मा के रासायनिक, खनिज विज्ञान और फोटोजियोलॉजिकल मानचित्रण का अध्ययन करने के लिए एस.डी.एस.सी.एस.एच.आर, श्रीहरिकोटा से 22 अक्टूबर, 2008 को सफलतापर्वू क लॉन्च किया गया था। चंद्रयान-1 की विशेषताएँ लॉन्च की तारीख लॉन्च का द्रव्यमान यान लॉन्च निर्माता विद्युत मिशन का कार्यकाल परिक्रमा (ऑर्बिट) के प्रकार अनप्रु योग सैटेलाइट (उपग्रह) का प्रकार ऑर्बिट प्रमख ु उपलब्धि व्‍यय

22 अक्टूबर, 2008 1380 किलोग्राम पी.एस.एल.वी.-सी.11 इसरो 700 वॉट 2 वर्ष चद्रं ग्रहों का अवलोकन विज्ञान एवं अन्वेषण 100×100 िकमी — लनू र ऑर्बिट चद्रं मा पर पानी की खोज `386 करोड़ .

स्रोत: इसरो (ISRO)

चद्रं यान-1 के एक्स-रे स्पेक्ट्रोमीटर (सी.1 एक्‍स.एस.) ने टाइटेनियम का पता लगाया और चद्रं सतह पर कै ल्शियम, मैग्नीशियम, एल्यूमीनियम और िसलिका की उपस्थिति की पष्ु टि की। चद्रं मा की मिट्टी में हाइड्रॉि‍क्‍सल और जल के अणओ ु ं की उपस्थिति इस मिशन की प्रमख ु खोज है और यह भी पष्ु टि की गई है कि चद्रं मा िकसी समय परू ी तरह से पिघला क्या आप जानते हैं? हुआ था। यह चद्रं मा की सतह के िवस्तृत मानचित्रण और क्रे टर चद्रं यान-1 को भेजने के साथ भारत की ित्रआयामी संकल्पना को दर्शाता है। अंतरिक्ष में चद्रं िमशन भेजने वाला चौथा

चंद्रयान-2

देश बन गया!

चद्रं यान-2 चद्रं मा की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग का पहला प्रयास है। मिशन में ऑर्बिटर, लैंडर और रोवर शामिल हैं। मिशन का उद्देश्य एक ही मिशन में चद्रं मा के बाह्यमडं ल, सतह और उप-सतह का अध्ययन करना है।

Towards moon and beyond_1_6S.indd 5

5

10/15/2023 4:43:46 PM

चद्रं यान उत्सव

मिशन ने चद्रं अंतरिक्ष के ‘दक्षिणी ध्रुव’ को लक्षित किया जो परू ी तरह से अज्ञात था। इस मिशन का मखु ्य फोकस चद्रं सतह पारिस्थितिकी तंत्र का व्यापक मानचित्रण करना, इसकी संरचना का अध्ययन करना और चद्रं मा की उत्पत्ति और विकास का पता लगाना है। मिशन में क्रे टर की उन सतहों पर बर्फ की संभावित उपस्थिति का पता लगाया गया है, जिस पर शायद कभी सरू ज की रोशनी नहीं आई होगी क्योंकि यह ध्रुवीय क्षेत्रों में बहुत कम कोण पर स्थित है। इसने चद्रं बाह्यमडं ल में आर्गन-40 की उपस्थिति का पता लगाया। इसने चद्रं मा की सतह के उत्तरपर्ू वी चतर्थ ु ांश पर स्थित साराभाई क्रे टर की तस्वीर ली है। चंद्रयान-2 की विशेषताएँ लॉन्च की तारीख लॉन्च का द्रव्यमान यान लॉन्च निर्माता विद्युत मिशन का कार्यकाल परिक्रमा (ऑर्बिट) के प्रकार अनप्रु योग सैटेलाइट (उपग्रह) का प्रकार प्रमख ु उपलब्धियाँ व्‍यय

22 जल ु ाई, 2019 3850 किलोग्राम जी.एस.एल.वी.- एम.के . 3 - एम.1 इसरो 1000 वॉट 7 वर्ष चद्रं मा ग्रहों का अवलोकन विज्ञान एवं अन्वेषण चद्रं मा पर पानी की जगह का पता लगाना `978 करोड़

स्रोत: इसरो (ISRO)

चद्रं यान-2 मिशन के डेटा का पहला सेट अब भारतीय अंतरिक्ष विज्ञान डेटा सेंटर (आई.एस.एस. डी.सी.) द्वारा आयोज‍ित किए गए ‘प्रदान’ पोर्टल के माध्यम से लोगों के लिए जारी किया गया है।

गतिविधि 3 ∙ गगू ल अर्थ प्रो द्वारा चद्रं मा की सतह का निरीक्षण करें । ∙ दरू बीन से चद्रं मा की सतह का निरीक्षण करें ।

चंद्रयान-3 इसरो ने कहा, “चद्रं यान-3 दरअसल चद्रं मा की सतह पर सरु क्षित लैंडिंग और घमू ने में एडं -टू-एडं क्षमता का िनष्पादन करने के लिए चद्रं यान-2 का अनवर्ती ु मिशन है।” चद्रं यान-3 का उद्देश्य चद्रं मा पर घमू ने वाले रोवर की चद्रं मा की सतह पर सरु क्षित और सॉफ्ट लैंडिंग का प्रदर्शन करना और यथास्थान वैज्ञानिक प्रयोगों का संचालन करना है।

6

Towards moon and beyond_1_6S.indd 6

10/15/2023 4:43:46 PM

चद्रं मा की ओर और उससे आगे

चंद्रयान-3 की विशेषताएँ लॉन्च की तारीख लॉन्च का द्रव्यमान लॉन्च व्हीकल निर्माता विद्युत मिशन का कार्यकाल परिक्रमा (ऑर्बिट) के प्रकार अनप्रु योग सैटेलाइट (उपग्रह) का प्रकार मिशन के निदेशक प्रमख ु उपलब्धियाँ व्‍यय

14 जल ु ाई, 2023 3900 किलोग्राम एल.वी.एम.3–एम.4 इसरो 738W, समर सॉिलि‍स्‍‍टक्‍स एडं िवद बायस ऑपरे शन में चद्रं मा ग्रहों का अवलोकन विज्ञान एवं अन्वेषण एस. सोमनाथ चद्रं मा के दक्षिणी ध्रुव पर पहुचँ ना `615 करोड़

स्रोत: इसरो (ISRO)

23 अगस्त, 2023 को चद्रं यान-3 का विक्रम लैंडर चद्रं मा के दक्षिणी ध्रुव पर सफलतापर्वू क उतरा। इस सफल सॉफ्ट लैंडिंग के साथ भारत संयुक्त राज्य अमेरिका, तत्कालीन सोवियत संघ और चीन जैसे देशों के एक विशिष्ट क्लब में शामिल हो गया है। यह मिशन वैश्विक मचं पर भारत की तकनीकी क्षमताओ ं को प्रदर्शित करता है, जो दनिय ु ा भर का ध्यान और सहयोग आकर्षित करता है। मिशन का जीवन एक चद्रं दिवस या 14 पृथ्वी दिवस है।

इसरो वैज्ञानिकों के साथ माननीय प्रधानमत्ं री श्री नरें द्र मोदी

7

Towards moon and beyond_1_6S.indd 7

10/15/2023 4:43:47 PM

चद्रं यान उत्सव

मिशन के क्रमिक चरण इस प्रकार हैं—

• •

मिशन में एक लैंडर मॉड्यल ू , एक प्रपल्शन मॉड्यल ू और एक रोवर शामिल हैं। प्रणोदन मॉड्यल ू पेलोड को स्पेक्ट्रो-पोलरिमेट्री ऑफ हैबिटेबल प्लैनेट अर्थ (SHAPE) नाम दिया गया है। – इसका उद्देश्य परावर्तित प्रकाश का अध्ययन करके रहने योग्य बाहरी ग्रहों का पता लगाना है।

चद्रं यान-3 मिशन का पथ (स्लिंग-शॉर्ट तकनीक)

लैंडर (व‍िक्रम) और रोवर (प्रज्ञान) के पदच‍ि�



लैंडर विक्रम पर निम्नलिखित पेलोड हैं— – तापीय तापमान और चालकता को मापने के लिए चद्रं मा की सतह का थर्मोफिजिकल प्रयोग (ChaSTE)। – चद्रं भक ू ं पीय गतिविधि उपकरण (आई.एल.एस.ए.) िजसने लैंडिंग स्थल के आस-पास भक ू ं पीयता को मापा।

8

Towards moon and beyond_1_6S.indd 8

10/15/2023 4:43:48 PM

चद्रं मा की ओर और उससे आगे



– प्लाज्मा घनत्व और इसकी विविधताओ ं का मलू ्यांकन करने के लिए लैंगमइु र प्रोब (एल.पी.)। रोवर प्रज्ञान पर निम्नलिखित पेलोड हैं— – अल्फा पार्टिकल एक्स-रे स्पेक्ट्रोमीटर (ए.पी.एक्स.एस.) और लेजर प्रेरित ब्रेकडाउन स्पेक्ट्रोस्कोप (एल.आई.बी.एस.) जो चद्रं सतह के पारिस्थितिकी तंत्र का पता लगाते हैं।

चद्रं मा की सतह पर ‘श‍िव शक्त‍ि’ (लैंड‍िग प्वांइट) कर दृश्य

चंद्रयान-3 म‍िशन का पथ (ि‍स्लंग-शॉर्ट तकनीक) चंद्र मिशन का महत्व









चद्रं यान-3 की चद्रं मा के दक्षिणी ध्रुव पर सफल सॉफ्ट लैंडिंग ने भारत को संयुक्त राज्य अमेरिका, रूस और चीन के साथ एक विशेष क्लब में शामिल कर िदया। यह उपलब्धि अंतरिक्ष अन्वेषण और तकनीकी उन्नति में भारत की शक्ति को दर्शाती है। चद्रं यान-3 मिशन से राष्ट्रीय गौरव बढ़ा है। साथ ही, इससे आर्थिक विकास को बढ़ावा और आईटी क्षेत्र में रोजगार के नए अवसर पैदा हुए हैं। यह वैश्विक मचं पर भारत की तकनीकी दक्षताओ ं को प्रदर्शित करता है और दनिय ु ा भर का ध्यान और सहयोग चद्रं यान-3 पर लैंडर हैजर्ड ड‍िटेक्शन एडं अवॉइडेंस कै मरा (एल.एच.डी.ए.सी.) आकर्षित करता है। से ली गई तस्वीर में चद्रं मा का सदु रू क्षेत्र, 19 अगस्त 2023 चद्रं यान-3 मिशन भारत को अंतरिक्ष पर्यटन के क्षेत्र में सरकारी और निजी हितधारकों के जरिए उभरती हुई ‘चद्रं अर्थव्यवस्था’ के रूप में आगे बढ़ाता है। ‘चदं ा मामा दरू के ’ की जगह निकट भविष्य में ‘चदं ा मामा टूर के ’ कहा जाएगा। यह भारत के अंतरिक्ष क्षेत्र में नई तकनीकी प्रगति और व्यापार के अवसरों के द्वार खोलता है और चद्रं मा की सतह को एक बहुमलू ्य गतिविधि 4 संसाधन (िजसमें ऑक्सीजन, टाइटेनियम, कक्षा के विद्यार्थियों द्वारा चद्रं मिशन के महत्वपर्णू लोहा, सिलिकॉन, सल्फर आदि जैसे खनिज योगदान के बारे में एक चार्ट तैयार करें । है) के स्रोत के रूप में सामने लाता है। 9

Towards moon and beyond_1_6S.indd 9

10/15/2023 4:43:48 PM

चद्रं यान उत्सव

• • •

• •



चद्रं यान-3 मिशन के यथास्थान अवलोकन और चद्रं सतह सामग्री पर प्रयोगों से चद्रं मा की संरचना और व्यापक ग्रहों के अध्ययन के रहस्य का पता चलता है। चद्रं यान-3 मिशन से हम सीख सकते हैं कि असफलताएँ ही सफलता की सीढ़ियाँ हैं। चद्रं यान-2 से सीखे गए सबक का लाभ उठाते हुए यह मिशन अनक ु ू लनशीलता, लचीलेपन के महत्व और असफलताओ ं के माध्यम से विकास को प्रदर्शित करता है। चद्रं यान-3 मिशन सक्रिय नेततृ ्व के महत्व को दर्शाता है। इसरो के दरू दर्शी दृष्टिकोण में, जोखिम को स्वीकार करने, विफलता-आधारित डिजाइन में पनु : सधु ार करने, चनु ौतियों का अनमु ान लगाने, सामरिक रूप से उन पर काबू पाने और भविष्य के अंतरिक्ष विज्ञान से जड़ेु लोगों के लिए प्रेरणा बनने के महत्व पर बल दिया जाता है। चद्रं यान-3 मिशन हमें चनु ौतियों को स्वीकार करने, अनभु व का लाभ उठाने और अपने देश के लोगों के बीच एक उज्ज्वल वैज्ञानिक स्वभाव वाले भविष्य का मार्ग प्रशस्त करना सिखाता है। इस मिशन का बजट कई हॉलीवडु और बॉलीवडु फिल्मों से भी कम है। चद्रं यान-3 का लॉन्चगिं बजट के वल 615 करोड़ रुपए था, जबकि ओपेनहाइमर, बार्बी, आदिपरुु ष, मिशन इम्पॉसिबल, िबटवीन द स्टार्स आदि नाम की फिल्मों का बजट क्रमशः 826, 826, 700, 2397 और 1364 करोड़ रुपए था। 23 अगस्त को चद्रं मा के दक्षिणी ध्रुव पर चद्रं यान-3 मिशन की ऐतिहासिक लैंडिंग के बाद संयुक्त राज्य अमेरिका (नासा), रूस, दक्षिण अफ्रीका, यरू ोप (ई.एस.ए.), इज़राइल, ब्रिटेन (य.ू के .), नेपाल, इडं ोनेशिया और पाकिस्तान सहित अन्य दक्षिण पर्वू एशियाई देशों और दिु नया के विभिन्न देशों और उनकी अंतरिक्ष एजेंसियों ने भारत को उसकी उल्लेखनीय उपलब्धि के लिए बधाई दी। चद्रं मा के दक्षिणी ध्रुव के पास सफल सॉफ्ट लैंडिंग

निकट भविष्य में यथास्थान खोजपर्णू विकास का मार्ग प्रशस्‍त करता है।

चद्रं मा की संरचना और व्यापक ग्रह विज्ञान का भी अवलोकन करता है।

चंद्रयान-3 मिशन की उल्लेखनीय सफलताओ ं का महत्व

भारत की तकनीकी दक्षताओ ं के प्रति दनिय ु ा-भर से विभिन्‍न सहयोगों को आकर्षित करता है।

असफलताओ ं के माध्यम से अनक ु ू लन क्षमता, लचीलेपन और विकास का प्रदर्शन करता है।

‘चदं ा मामा दरू के ’ की लोकोक्‍त‍ि को आने वाले समय में ‘चदं ा मामा टूर के ’ में बदलने का मार्ग प्रशस्‍त करता है। दनिय ु ा-भर के देशों के बीच भारत की अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी की शक्ति काे प्रदर्शित करता है।

राष्ट्रीय गौरव को प्रज्वलित करता है और आर्थिक विकास को बढ़ावा देता है।

10

Towards moon and beyond_1_6S.indd 10

10/15/2023 4:43:48 PM

चद्रं मा की ओर और उससे आगे



चद्रं यान-3 मिशन ने अंतरिक्ष शोधकर्ताओ ं के लिए कुछ वैज्ञानिक धारणाएँ तैयार कीं, जैसे कि चद्रं सतह पारिस्थितिकी तंत्र पर यथास्थान खोजपर्णू विकास। चद्रं अंतरिक्ष पारिस्थितिकी तंत्र से संबंधित भावी अनसु ंधानों से आने वाले भविष्य में अंतरिक्ष यान लॉन्च करना, ब्रह्मांड का अध्ययन करना, बहुमलू ्य संसाधनों की खोज करना, ब्रह्मांड के खगोलीय पिंडों के रहस्य को सल ु झाना आदि कार्य करना सभं व होगा। चंद्र मिशन की सख ं ्याओ ं का विश्ले षण सफल लॉन्च

आंशिक विफलता

विफलता

परिचालन

कुल

2

1

-

2

3

नासा

36

2

14

3

य.ू एस.ए.एफ.

1

-

1

-

लॉकहीड मार्टिन

1

-

-

-

लवोच्किन

16

2

22

-

इर्नेजिया

2

-

16

-

चीन

सी.एन.एस.ए.

5

-

-

5

5

यरू ोपीय संघ

ई.एस.ए.

1

-

-

-

1

आई.एस.ए.एस.

2

-

2

-

जे.ए.एक्‍स.ए.

1

-

-

-

आईस्पेस

-

-

1

-

दक्षिण कोरिया

कारी

1

-

-

1

1

इजराइल संयुक्त अरब अमीरात इटली

स्पेसआईएल

-

-

1

-

1

य.ू ए.ई.एस.ए.

-

-

1

-

1

ए.एस.आई

1

-

-

-

1

देश भारत

यएू सए

रूस

जापान

एजेंसी या कंपनी इसरो

59

58

6

स्रोत: नासा (NASA)

11

Towards moon and beyond_1_6S.indd 11

10/15/2023 4:43:49 PM

चद्रं यान उत्सव

अंतरिक्ष की वैश्विक दौड़ चद्रं मिशन हर देश के लिए करना संभव नहीं है। चद्रं मा के दक्षिणी ध्रुव के पास चद्रं यान-3 की सरु क्षित और सॉफ्ट लैंडिंग अंतरिक्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी में भारतीय क्षमताओ ं को प्रदर्शित करती है। इस सफल सॉफ्ट लैंडिंग के साथ, भारत चद्रं मिशन में देशों के एक विशिष्ट क्लब में शामिल हो गया है। दनिय ु ा में अंतरिक्ष दौड़ का विश्लेषण नीचे दिया गया है।

नेतृत्व और बजट भारत के प्रधानमंत्री ने के . सिवन द्वारा निर्देशित चद्रं यान मिशन-2 की आंशिक विफलता की याद दिलाई। उन्होंने के . सिवन की टीम के काम की सराहना की और अपना विचार प्रस्तुत किया कि स्थिरता, समानता, क्षमता, समय की पाबंदी, अनक ु ू लता, जवाबदेही आदि जीवन और प्रकृ ति के सभी आयामों में विकास के लिए जिम्मेदार हैं। उन्होंने कहा कि भारत की लोकाचार, मलू ्य प्रणाली प्रकृ ति के साथ बहुत गहराई से जड़ी ु हुई है और प्रकृ ति ब्रह्मांड का हिस्सा है जो जीवन, समाज, प्रकृ ति और परू े ब्रह्मांड का बहुत संदु र प्रबंधन करती है। हालाँकि, हम भारत अर्थात भारत की वर्तमान सरकार के नेततृ ्व की भमू िका को कभी नहीं भल ू सकते। भारत सरकार ने अंतरिक्ष क्षेत्र का बजट 2013–14 में 5,615 करोड़ रुपए से बढ़ाकर 10 वर्षों में 12,543 करोड़ रुपए कर दिया है, जो 123 प्रतिशत की वृद्धि है। चद्रं मा पर चद्रं यान-3 की सफल लैंडिंग के बाद, भारत के माननीय प्रधानमंत्री श्री नरें द्र मोदी ने अपने भाषण में कहा कि “वैज्ञानिक अनेक जिम्मेदार अंतरिक्ष कार्यक्रम चला रहे हैं और देश के विकास में तेजी ला रहे हैं, साथ ही वैश्विक अंतरिक्ष मिशन की दौड़ में स्थिरता और समानता लाने के लिए नवाचार और अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी का उपयोग कर रहे हैं।” 12

Towards moon and beyond_1_6S.indd 12

10/15/2023 4:43:49 PM

चद्रं मा की ओर और उससे आगे

चंद्रमा की ओर यात्रा के बारे में भविष्यवादी दृष्टिकोण चद्रं मा की सतह पर काम करने वाले अंतरिक्ष यात्री उन्नत रोबोटिक्स का परीक्षण कर सकते हैं। वे लनू र सरफे स इनोवेशन इनिशिएटिव में पहचानी गई नई प्रौद्योगिकियों को स्थापित करने का प्रयास करते हैं, जो यथास्थान संसाधन उपयोग (आई.एस.आर.य.ू ) और चद्रं पारिस्थितिकी तंत्र पर उत्पन्न बिजली प्रणालियों पर ध्यान कें द्रित करते हैं। रोवर्स आई.एस.आर.य.ू प्रयोगों सहित विभिन्न प्रकार के उपकरणों को ले जाएँगे जो उपयोगी संसाधनों (जैसे– ऑक्सीजन और पानी) की उपलब्धता और निष्कर्षण पर जानकारी उत्पन्न करें गे। ये उन्नत प्रौद्योगिकियाँ स्थानीय सामग्रियों से ईधन, ं पानी और ऑक्सीजन के उत्पादन को सभं व बना सकती हैं, जो पृथ्वी से आवश्यक सामग्रियों की घटती आपर्ति ू के साथ स्थायी चद्रं सतह संचालन को संभव बनाएगा।

गतिविधि 5

आइए, विचार करें ∙ क्या निकट भविष्य में विद्यार्थियों के वैज्ञानिक स्वभाव में वृद्धि होगी? ∙ क्या अंतरिक्ष विज्ञान क्षेत्र में विकास से रोजगार के अवसर पैदा होंगे? ∙ राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य के लिए चद्रं मिशन के क्या लाभ हैं?

अब आप जानते हैं कि चद्रं यान मिशन हमारे अंतरिक्ष वैज्ञानिकों की उपलब्धि है। इसरो ने अपनी स्थापना के बाद से अंतरिक्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में जबरदस्त प्रगति की है। चद्रं यान-1 भारत का पहला चद्रं मिशन है। मिशन चद्रं मा की सतह पर पानी का पता लगाता है। चद्रं यान-1 की सफलता के बाद, चद्रं यान-2 लॉन्च किया गया और चद्रं क्रे टर में बर्फ की चादर की खोज की गई। चद्रं यान-3 को दक्षिणी ध्रुव के पास सॉफ्ट लैंडिंग के वैज्ञानिक उद्देश्य और चद्रं सतह पारिस्थितिकी तंत्र की आगे की खोज के साथ लॉन्च किया गया था। इस मिशन की सफलता दनिय ु ा में अंतरिक्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकीय उन्नति में भारत की वास्तविक क्षमता को प्रदर्शित करती है। चद्रं यान-3 की चद्रं मा के दक्षिणी ध्रुव के पास सफल सॉफ्ट लैंडिंग ने भारत को संयुक्त राज्य अमेरिका, रूस और चीन के साथ एक विशेष क्लब का हिस्सा बनाया। यह उपलब्धि अंतरिक्ष अन्वेषण में भारत की शक्ति को दर्शाती है। यह मिशन राष्ट्रीय गौरव को बढ़ाता है, आर्थिक विकास को बढ़ाता है और आईटी क्षेत्र में रोजगार के अवसर पैदा करता है। यह वैश्विक मचं पर भारत की तकनीकी दक्षताओ ं को प्रदर्शित करता है, दनिय ु ा भर का ध्यान और सहयोग आकर्षित करता है। एस-3 मिशन में अंतरिक्ष शोधकर्ताओ ं के लिए कुछ वैज्ञानिक धारणाएँ तैयार की गई जैं से कि चद्रं सतह पारिस्थितिकी तंत्र पर यथास्‍थान खोजपर्णू विकास। चद्रं अंतरिक्ष पारिस्थितिकी तंत्र पर शोध से छात्रों में वैज्ञानिक स्वभाव, अंतरिक्ष यान लॉन्च करना, ब्रह्मांड का अध्ययन करना, बहुमलू ्य ससं ाधनों की खोज करना, ब्रह्मांड के खगोलीय पिंडों के रहस्य को सल ु झाना आदि का मार्ग प्रशस्‍त हो सके गा। 13

Towards moon and beyond_1_6S.indd 13

10/15/2023 4:43:49 PM

अक्तबू र 2023 अि न 1945 PD 1T RPS

© रा ट्रीय शैिक्षक अनुसध ं ान और प्रिशक्षण पिरषद् 2023

िवषय

चंद्रयान उ सव

1.0

1.1

एफ

हमारा चद्रं यान

1.2

पी

मेरा यारा चदं ा: रानी की खोज

1.3

एम

चद्रं मा पर भारत का अिभयान

1.4

एस

चद्रं यान: चद्रं मा की ओर यात्रा

1.5

एस

1.6

एस

भारत के चद्रं िमशन की खोज चद्रं मा की ओर और उससे आगे

1.7

एस

भारत का चद्रं िमशन: चद्रं यान-3 को जान

1.8

एचएस

चद्रं मा पर भारत

1.9

एचएस

भारत का अतं िरक्ष िमशन: चद्रं यान

1.10 एचएस

चद्रं यान-3 की भौितकी

अपना चद्रं यान से संबंिधत गितिविधय म भाग लेने के िलए: िविजट कर: www.bhartonthemoon.ncert.gov.in प्रकाशन प्रभाग म सिचव, रा ट्रीय शैिक्षक अनुसंधान और प्रिशक्षण पिरषद,् ी अरिवंद मागर्, नई िद ली 110 016 द्वारा प्रकािशत तथा गीता ऑफ़सेट िप्रंटसर् प्रा. िल., सी–90, एवं सी–86, एवं सी-86, ओखला इडं ि ट्रयल एिरया, फे ़ज़–I, नई िद ली 110 020 द्वारा मिु द्रत ।

Cover Hindi_1_6S.indd 3-4

अिधक जानकारी के िलए: ईमेल: [email protected] पीमईिवद्या आईवीआरएस: 8800440559

17-10-2023 8.26.02 PM

कोड

1.6 एस

Cover Hindi_1_6S.indd 1-2

17-10-2023 8.25.57 PM